BA Semester-5 Paper-2A Econimics - Environmental Economics - Hindi book by - Saral Prshnottar Group - बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर समूह
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र

सरल प्रश्नोत्तर समूह

प्रकाशक : सरल प्रश्नोत्तर सीरीज प्रकाशित वर्ष : 2023
पृष्ठ :224
मुखपृष्ठ : पेपरबैक
पुस्तक क्रमांक : 2774
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बीए सेमेस्टर-5 पेपर-2A अर्थशास्त्र - पर्यावरणीय अर्थशास्त्र - सरल प्रश्नोत्तर

प्रश्न- पेरेटो की सामान्य कल्याण की इष्टतम् दशाओं की विवेचना कीजिए।

अथवा
अधिकतम सामाजिक कल्याण को प्राप्त करने के लिए पेरेटो अनुकूलतम की दशाओं का वर्णन कीजिए।
अथवा
पैरेटो द्वारा प्रतिपादित अनुकूलतम सामाजिक कल्याण की धारणा क्या है? पैरेटो का यह मानदण्ड केवल स्पष्ट स्थिति में लागू होता है। इसकी विवेचना कीजिए।
अथवा
पैरेटो की अनुकूलता को परिभाषित कीजिए।

उत्तर -

पेरेटो से पूर्व कल्याण की कल्पना मुख्य रूप से उपयोगिता को अधिकतम करने के रूप में व्यक्तिगत स्तर पर की जाती थी। इनका मानना था कि उपयोगिता की माप की जा सकती है तथा उसकी अन्तर्वैयक्तिक तुलनायें भी की जा सकती हैं। समाज कल्याण अधिकतम के 'वस्तुगत परीक्षण' की आधारशिला रखने वाले पेरेटो प्रथम अर्थशास्त्री हैं। इस सम्बन्ध में इन्होंने कहा है कि .

"हम उस समय कह सकते हैं कि कल्याण बढ़ (या घट) गया है, जब दूसरों की स्थिति में परिवर्तन किये बिना कम से कम एक व्यक्ति को पहले से अच्छी (या बुरी) स्थिति में ले जायें।"

इस तथ्य को प्रो. बोमोल ने स्पष्ट करते हुए लिखा है कि- "कोई परिवर्तन जो किसी को हानि नहीं पहुँचाता है तथा कुछ लोगों को श्रेष्ठतर बनाता है, आवश्यक रूप से सुधार समझा जाना चाहिए।"

इस आधार पर पेरेटो की अनुकूलतम सामाजिक व्यवस्था उस स्थिति को सूचित करती है जिसमें समाज का कोई भी सदस्य किसी अन्य सदस्य को उसकी अनचाही परिस्थिति में डाले बिना अपनी मनचाही परिस्थिति में प्रवेश नहीं कर सकता है।

मान्यतायें (Assumptions) - इसकी प्रमुख मान्यतायें निम्नलिखित हैं -
(i) उपयोगिता की माप क्रमवाचक आधार पर किया जाना सम्भव है न कि गणनावाचक आधार पर।
(ii) उपयोगिता वस्तुओं और सेवाओं की मात्रा पर निर्भर करती है न कि यह उनका आन्तरिक गुण है।
(iii) उपयोगिता की अन्तर्वैयक्तिक तुलनायें करना सम्भव नहीं है।
(iv) सभी वस्तुयें विभाज्य हैं।
(v) प्रत्येक उपभोक्ता का उद्देश्य अधिकतम सन्तुष्टि प्राप्त करना होता है।
(vi) वस्तु के उत्पादन में सभी उत्पादन साधनों का प्रयोग किया जाता है।
(vii) इस विश्लेषण में उत्पादन तथा विनिमय की समस्यायें ही शामिल की गयी हैं, न कि वितरण की।
(viii) प्रत्येक उत्पादक का उद्देश्य अपने लाभ को अधिकतम करना होता है।

पेरेटो के सामाजिक कल्याण विचार को निम्न प्रकार से व्यक्त किया जा सकता है  -

कुछ व्यक्तियों की स्थिति में सुधार करने पर किसी अन्य व्यक्ति की स्थिति पहले की अपेक्षा खराब नहीं होती है तो सामाजिक कल्याण में वृद्धि होगी जबकि कुछ व्यक्तियों की स्थिति खराब हो जाने की स्थिति में सामाजिक कल्याण में कमी होगी, किन्तु कुछ व्यक्तियों की स्थिति में सुधार आने एवं कुछ व्यक्तियों की स्थिति खराब होने पर सामाजिक कल्याण की वृद्धि या कमी का आंकलन नहीं किया जा सकता है। इस सम्बन्ध में पेरेटो ने लिखा है कि "वितरण के किसी एक रूप को दिया हुआ मानकर, एक सामाजिक अनुकूलतम वह स्थिति है जिससे हटकर उत्पादन तथा विनिमय में कोई भी पुनर्संगठन किसी एक व्यक्ति को, बिना दूसरों को हानि पहुँचाये, अच्छी स्थिति में नहीं ला सकता है।"

परेटो की अनुकूलतम अवस्था अथवा अधिकतम सामाजिक कल्याण की अवस्था को निम्न चित्र द्वारा दर्शाया गया है -

रेखाचित्र द्वारा स्पष्टीकरण -

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उपरोक्त चित्र में x एवं y अक्ष पर क्रमशः A एवं B की क्रमवाचक उपयोगिता को दर्शाया गया है उपयोगिता सम्भावना वक्र को PP द्वारा प्रदर्शित किया गया है जो कि A और B के उपयोगिता स्तरों के विभिन्न संयोगों को निरूपित करता है। पेरेटो का कहना है कि किसी भी प्रकार का परिवर्तन जो कि बिन्दु C से PP के बिन्दुओं E, G तथा F में से किसी पर भी ले जाता है। तो इस प्रकार का चलन उपयोगिता या कल्याण के शब्दों में सुधार को व्यक्त करता है। C में F तक का चलन B को क्षति पहुँचायें बगैर A के कल्याण में वृद्धि को प्रदर्शित करता है। इसी प्रकार A को क्षति पहुँचाये बगैर C से E तक का चलन B के कल्याण में वृद्धि को व्यक्त करता है तथा C से G तक का चलन दोनों व्यक्तियों A तथा B के कल्याण में वृद्धि को व्यक्त करता है।

अनुकूलतम कल्याण की दशायें (Conditions of Optimum Welfare) - प्रो. रेडर पेरेटो के अर्थ में निम्नलिखित सात इष्टतम दशाओं की व्याख्या की गयी हैं

1. उपभोक्ताओं के क्षेत्र में वस्तुओं के अनुकूलतम वितरण या आकंलन की दशा (Condition of the Optimum Allocation of Commodities in Consumer's Sector) - जब उत्पादित वस्तुओं की मात्रा दी गयी हो तो उपभोक्ताओं के मध्य वस्तुओं का अनुकूलतम वितरण इस प्रकार से किया जाना चाहिए जिससे कि किसी उपभोक्ता की सन्तुष्टि में कमी किये बगैर किसी अन्य उपभोक्ता की उपयोगिता में वृद्धि की जा सके।

2. साधनों के अनुकूलतम वितरण की दशा (Condition of Optimum Allocation of Factors) - किसी एक वस्तु के उत्पादन के लिए किन्हीं दो साधनों के मध्य उनको प्रयोग में लाने वाली प्रतिस्थापन की सीमान्त दर (RTS) उन दो फर्मों के लिए समान होनी चाहिए। इस प्रतिस्थापन की सीमान्त दर का तात्पर्य साधन की उस मात्रा से लगाया जाता है जो उसी उत्पादक के स्तर को बनाये रखने के लिए दूसरे साधन की कमी के कारण उत्पादन में होने वाली कमी पूर्ति के लिए आवश्यक है।

3. साधनों के अनुकूलतम प्रयोग की दशा (Condition of Optimum Factor Utilization) - इसके अन्तर्गत किसी दिये हुए उत्पादन के सम्बन्ध में किसी वस्तु के मध्य रूपान्तरण की सीमान्त दर उस वस्तु का उत्पादन करने वाली तथा उस साधन का प्रयोग करने वाले दो उत्पादकों अथवा फर्मों के लिए एक ही होनी चाहिए।

4. विशिष्टता की अनुकूलतम मात्रा की दशा (Condition of Optimum Degree of Specialisation) - इस शर्त के अनुसार किन्हीं दो फर्मों की वस्तुओं के मध्य रूपान्तरण की सीमान्त दर एक होने पर ही अनुकूलतम स्थिति प्राप्त होगी। रूपान्तरण की इस सीमान्त दर का आशय वस्तु की उस मात्रा से लगाया जाता है जिसका दूसरी वस्तु की अतिरिक्त इकाई का उत्पादन करने हेतु परित्याग करना पड़ता है।

5. उत्पादन के अनुकूलतम नियंत्रण की दशा (Condition of Optimum Direction of Product) - समाज के दो वस्तुओं के बीच तथा दो वस्तुओं के प्रयोग करने वाले दो उपभोक्तों के बीच रूपान्तरण की सीमान्त दर एक होनी चाहिए। इस दशा का सम्बन्ध आर्थिक कुशलता से है जिसका आशय है कि विभिन्न वस्तुओं का उत्पादन उपभोक्ताओं की पसन्दगी के साथ मेल खाने वाले संयोग में किया जाना चाहिए।

6. सम्पत्तियों के अन्तःकालिक अनुकूलतम आवंटन की दशा (Condition of Inter-temporal Optimum Allocation of Assets) - किन्हीं दो अवधियों में भुगतान की जाने वाली सम्पत्तियों के मध्य किन्ही दो व्यक्तियों के मध्य प्रतिस्थापन की सीमान्त दर समान होनी चाहिए। यह दशा विशेष रूप से वहाँ पर लागू होती है, जहाँ पर अनिश्चितता अथवा जोखिम के अभाव में व्यक्तियों द्वारा ऋण लिये एवं दिये जाते हैं।

7. साधन की इकाई को समय के अनुकूलतम आवंटित करने की दशा (Condition of Optimum Allocation of a Factor Unit's Time) - इस शर्त के अनुसार, प्रत्येक श्रमिक द्वारा प्राप्त आय और अवकाश के मध्य प्रतिस्थापन की सीमान्त दर एवं सम्पूर्ण समाज के लिए उत्पादन के बीच रूपान्तरण की सीमान्त दर में समानता होनी चाहिए।

आलोचनायें (Criticisms) : इसकी आलोचनायें निम्न प्रकार की गयी हंत
(i) पेरेटो ने अपने विश्लेषण में नैतिक मापदण्डों की मदद की है,
(ii) इनके मानदण्ड की व्यावहारिकता सीमित है,
(iii) इनका मानदण्ड समाज में स्थित विषय आय वितरण के विषय में या तो शान्त है अथवा उसकी वर्तमान स्थिति को स्वीकारता है,
(iv) इनके मानदण्ड द्वारा नैतिक निर्णयों से परतन्त्र हैं।
(v) इनके मानदण्ड द्वारा अधिकतम सामाजिक कल्याण बिन्दु को अनिश्चितपूर्वक निर्धारित नहीं किया जा सकता है।

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    अनुक्रम

  1. प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी विषय सामग्री को स्पष्ट कीजिए।
  2. प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की विषय सामग्री बताइये।
  3. प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र से आप क्या समझते हैं? इसकी संरचना को समझाइये।
  4. प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र की प्रकृति का वर्णन कीजिए।
  5. प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र की संरचना बताइए।
  6. प्रश्न- पारिस्थितिक तन्त्र के प्रकार बताइए तथा पारिस्थितिक तन्त्र के महत्व का वर्णन कीजिए।
  7. प्रश्न- विकास में पारिस्थितिक तन्त्र का महत्व क्या है?
  8. प्रश्न- पेरेटो की सामान्य कल्याण की इष्टतम् दशाओं की विवेचना कीजिए।
  9. प्रश्न- कल्याणवादी अर्थशास्त्र में पैरेटो अनुकूलतम की शर्तें पूर्ण प्रतियोगिता में कैसे पूरी होती हैं? .आलोचनात्मक वर्णन कीजिए।
  10. प्रश्न- पर्यावरणीय अर्थशास्त्र की अवधारणाएँ समझाइए।
  11. प्रश्न- पेरेटो के कल्याण अर्थशास्त्र की अथवा इससे सम्बद्ध अनुकूलतम शर्तों की मान्यताएँ बताइए।
  12. प्रश्न- बाजार असफलता क्या है?
  13. प्रश्न- बाजार असफलताओं के कारण समझाइये।
  14. प्रश्न- बाह्यताओं का आशय बताइये।
  15. प्रश्न- बाह्यताओं के प्रकार समझाइये।
  16. प्रश्न- भारत में पर्यावरणीय नीतियों के संक्षिप्त अवलोकन का वर्णन कीजिए।
  17. प्रश्न- भारत की पर्यावरणीय नीति के सिद्धान्त बताइये।
  18. प्रश्न- पर्यावरण नीति बताइये।
  19. प्रश्न- राष्ट्रीय पर्यावरणीय नीति, 2006 क्या हैं?
  20. प्रश्न- राष्ट्रीय पर्यावरण नीति, 2006 के उद्देश्य बताइए।
  21. प्रश्न- पर्यावरण में वृहत आर्थिक नीति की भूमिका की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  22. प्रश्न- राष्ट्रीय जल नीति को स्पष्ट कीजिए।
  23. प्रश्न- भारत में वन नीति को समझाइए।
  24. प्रश्न- सतत विकास को प्राप्त करने में पर्यावरणीय नीति कहाँ तक सहायक रही है?
  25. प्रश्न- पर्यावरणीय प्रदूषण नियंत्रण हेतु नीतिगत उपकरण बताइये।
  26. प्रश्न- पीगूवियन कर क्या है?
  27. प्रश्न- सीमा पार पर्यावरणीय मुद्दों से आप क्या समझते हैं?
  28. प्रश्न- जलवायु परिवर्तन पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  29. प्रश्न- अर्थव्यवस्था पर जलवायु परिवर्तन के प्रभाव का वर्णन कीजिए।
  30. प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन से आप क्या समझते हैं? इसके मूल्यांकन की विधियों को बताइये। पर्यावरणीय मूल्यांकन की स्पष्ट अधिमान विधियों का विस्तार पूर्वक वर्णन कीजिए।
  31. प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की विभिन्न विधियाँ क्या हैं?
  32. प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की अभिव्यक्त अधिमान विधियों का वर्णन कीजिए।
  33. प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की प्रकरित अधिमान विधियों का वर्णन कीजिए।
  34. प्रश्न- आनन्द कीमत विधि क्या है? रेखाचित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए तथा इसकी आलोचनाएँ भी बताइए।
  35. प्रश्न- प्रतिबन्धात्मक व्यय विधि को समझाइये।
  36. प्रश्न- टिप्पणी लिखिए - (a) प्रतिनिधि बाजार रीति तथा (b) सम्पत्ति मूल्य रीति।
  37. प्रश्न- मजदूरी-विभेदात्मक उपागम बताइये।
  38. प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की लागत आधारित विधियाँ का विस्तृत वर्णन कीजिए।
  39. प्रश्न- पुनः स्थानीयकरण लागत रीति विशेषताएँ क्या है?
  40. प्रश्न- प्रतिस्थापन लागत विधि क्या है? इस विधि को रेखाचित्र की सहायता से स्पष्ट कीजिए।
  41. प्रश्न- विकास मॉडल की सामाजिक सीमाएँ सिद्धान्त का वर्णन कीजिए।
  42. प्रश्न- हरित लेखांकन से आप क्या समझते हैं?
  43. प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की आवश्यकता बताइए।
  44. प्रश्न- परिमाण प्रत्युत्तर विधि को बताइए।
  45. प्रश्न- मानव पूँजी अथवा पूर्वानुमानित विधि को समझाइए।
  46. प्रश्न- पर्यावरणीय अधिप्रभाव आंकलन के निर्देशक सिद्धान्त क्या हैं?
  47. प्रश्न- पर्यावरण नीति व विनियमों का लागत लाभ विश्लेषण का विश्लेषण कीजिए।
  48. प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यों की माप में आने वाली कठिनाइयों का वर्णन कीजिए।
  49. प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यों के मापन से आप क्या समझते हैं?
  50. प्रश्न- पर्यावरणीय क्षति से आप क्या समझते हैं?
  51. प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यों से आप क्या समझते हैं?
  52. प्रश्न- पर्यावरणीय मूल्यांकन की आवश्यकता बताइए।
  53. प्रश्न- सतत् विकास से आप क्या समझते हैं?
  54. प्रश्न- सतत् विकास को प्राप्त करने के लिए उपायों का वर्णन कीजिए।
  55. प्रश्न- सतत् विकास के अवरोधक घटकों का संक्षिप्त वर्णन कीजिए।
  56. प्रश्न- सतत् विकास के संकेतकों या मापकों का वर्णन कीजिए।
  57. प्रश्न- सतत् विकास के लिए भारत द्वारा क्या प्रयास किये जा रहे हैं?
  58. प्रश्न- सतत् विकास की रणनीति पर संक्षिप्त टिप्पणी कीजिए।
  59. प्रश्न- बाह्यताओं का पीगूवियन विश्लेषण समझाइये।
  60. प्रश्न- बाह्यताओं के प्रकार समझाइये।
  61. प्रश्न- उत्पादन की सकारात्मक बाह्यताओं को पीगू के विश्लेषण के अनुसार समझाइए।
  62. प्रश्न- पीगू के विश्लेषण के अनुसार उत्पादन की नकारात्मक बाह्यताएँ समझाइए।
  63. प्रश्न- उपभोग में सकारात्मक बाह्यताओं पर टिप्पणी लिखिए तथा इसमें नकारात्मक बाह्यताएँ समझाइए।
  64. प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुओं से आप क्या समझते हैं? इनकी विशेषताओं का वर्णन कीजिए। बाह्यताओं तथा बाजार विफलताओं को किस प्रकार समाप्त किया जा सकता है? विस्तारपूर्वक स्पष्ट कीजिए।
  65. प्रश्न- सार्वजनिक खराबी किसे कहते हैं?
  66. प्रश्न- सार्वजनिक वस्तुएँ क्या विशेषताएँ रखती हैं?
  67. प्रश्न- बाह्यताओं एवं बाजार विफलताओं को दूर करने के उपाय बताइये।
  68. प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र को परिभाषित कीजिए। कल्याणकारी अर्थशास्त्र में नैतिक निर्णयों का क्या स्थान है?
  69. प्रश्न- कल्याणकारी अर्थशास्त्र में नैतिक निर्णयों का क्या स्थान है?
  70. प्रश्न- पीगू के कल्याणवादी अर्थशास्त्र की आलोचनात्मक व्याख्या कीजिए।
  71. प्रश्न- बाजार असफलता क्या है?
  72. प्रश्न- बाजार असफलता किन दशाओं में सम्भव है?
  73. प्रश्न- पीगूवियन सब्सिडी पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  74. प्रश्न- बाह्यताओं के समाधान हेतु सुझाव क्या हैं?
  75. प्रश्न- बाजार असफलताओं के कारण समझाइये।
  76. प्रश्न- सम्पत्ति अधिकारों के सम्बन्ध में प्रो. रोनाल्ड कोज की प्रमेयों का वर्णन कीजिए।
  77. प्रश्न- प्रो. आर. कोज द्वारा सम्पत्ति अधिकारों के सम्बन्ध में बतायी गयी द्वितीय प्रमेय को समझाइये।
  78. प्रश्न- कोज द्वारा बताए गए प्रमेयों का महत्व समझाइए।
  79. प्रश्न- सम्पदा अधिकार के विभिन्न प्रकारों को बताइए।
  80. प्रश्न- मानव पूँजी के अवयव लिखिए।
  81. प्रश्न- पर्यावरण एक सार्वजनिक वस्तु है। समझाइए।
  82. प्रश्न- पर्यावरणीय गुणवत्ता का आशय एवं महत्व बताइये।
  83. प्रश्न- इको लेबलिंग (Eco Labelling) का क्या अर्थ है?
  84. प्रश्न- पर्यावरण दक्षता (Eco Efficiency) से आप क्या समझते हैं?
  85. प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली से आप क्या समझते हैं? इसके लक्षण बताइए। इसके लक्ष्यों को भी लिखिए।
  86. प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लक्षण बताइए।
  87. प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लक्ष्य बताइये।
  88. प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के लाभ बताइये। सतत् सुधार चक्र को समझाइये।
  89. प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण से आप क्या समझते हैं? इसके कार्यक्षेत्र तथा आवृत्ति को बताइए। पर्यावरणीय अंकेक्षण के क्या लाभ होते हैं?
  90. प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण की आवश्यकता बताइये।
  91. प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण का कार्यक्षेत्र समझाइए। यह किसे करना चाहिए?
  92. प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण के लाभ बताइये।
  93. प्रश्न- पर्यावरण की सुरक्षा के बारे में भारतीय संविधान के प्रावधान बताइये।
  94. प्रश्न- पर्यावरणीय प्रबन्धन क्या है?
  95. प्रश्न- प्राकृतिक संसाधन प्रबन्ध से आपका क्या तात्पर्य है?
  96. प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण कार्यक्रम पर टिप्पणी लिखिए।
  97. प्रश्न- पर्यावरणीय अंकेक्षण प्रोटोकॉल का वर्णन कीजिए।
  98. प्रश्न- प्रभावी पर्यावरणीय प्रबन्ध प्रणाली के प्रमुख तत्व बताइये।
  99. प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा का आशय एवं परिभाषा बताइये। पर्यावरण शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व को स्पष्ट करते हुए इसके क्षेत्र का वर्णन कीजिए।
  100. प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा की आवश्यकता एवं महत्व को समझाइये।
  101. प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा के कार्यक्षेत्र को स्पष्ट कीजिए।
  102. प्रश्न- मूल्य-आधारित पर्यावरणीय शिक्षा क्या है? इसका महत्व एवं आवश्यकता का वर्णन कीजिए।
  103. प्रश्न- मूल्य आधारित पर्यावरणीय शिक्षा का महत्व एवं आवश्यकता समझाइये।
  104. प्रश्न- पर्यावरणीय शिक्षा को प्रभावी बनाने हेतु उपायों का विश्लेषणात्मक वर्णन कीजिए।
  105. प्रश्न- पर्यावरणीय जागरूकता से आप क्या समझते हैं? पर्यावरणीय जागरूकता / शिक्षा के उपाय बताइये।
  106. प्रश्न- भारत में पर्यावरणीय शिक्षा पर लेख लिखिए।
  107. प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा की प्रमुख समस्याओं का वर्णन कीजिए।
  108. प्रश्न- पर्यावरण शिक्षा के प्रसार के अवरोधों को दूर करने के उपायों का वर्णन कीजिए।
  109. प्रश्न- पर्यावरणीय विधान पर टिप्पणी लिखिए।
  110. प्रश्न- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियन्त्रण) अधिनियम, 1981 में वायु प्रदूषण के निवारण एवं नियन्त्रण के सम्बन्ध में कौन-कौन से प्रावधान किये गये हैं? समझाइये।
  111. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन एवं पर्यावरण पर लेख लिखिए।
  112. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के अन्तर्गत व्यापार तथा पर्यावरणीय मुद्दों को समझाइये।
  113. प्रश्न- "जनसंख्या, निर्धनता तथा पर्यावरण एक-दूसरे से घनिष्ठ रूप से सम्बन्धित है।' विश्लेषण कीजिए।
  114. प्रश्न- आर्थिक विकास एवं स्वास्थ्य के मध्य सम्बन्ध का परीक्षण कीजिए।
  115. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन क्या है?
  116. प्रश्न- विश्व व्यापार संगठन के उद्देश्य बताइये।
  117. प्रश्न- व्यापार एवं पर्यावरण में सम्बन्ध लिखिए।
  118. प्रश्न- पर्यावरण पर मनुष्य का क्या प्रभाव पड़ा है?
  119. प्रश्न- लिंग समानता तथा पर्यावरण को बताइये।
  120. प्रश्न- ग्रीन हाउस प्रभाव से आप क्या समझते हैं?
  121. प्रश्न- वायु (प्रदूषण निवारण तथा नियन्त्रण) अधिनियम, 1981 में वायु प्रदूषण के निवारण एवं नियन्त्रण के सम्बन्ध में कौन-कौन से प्रावधान किये गये हैं? समझाइये।
  122. प्रश्न- पारिस्थितिकी तन्त्र (Eco System) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  123. प्रश्न- यूरो मानक से क्या समझते हो?
  124. प्रश्न- भारतीय उत्सर्जन मानक (BS) पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  125. प्रश्न- प्रमुख वैश्विक पर्यावरण मुद्दों का वर्णन कीजिए।
  126. प्रश्न- वैश्विक ऊष्मीकरण या वैश्विक उष्मण।
  127. प्रश्न- मरुस्थलीयकरण पर संक्षिप्त टिप्पणी लिखिए।
  128. प्रश्न- ओजोन परत व उसके क्षरण पर टिप्पणी लिखिए।
  129. प्रश्न- अम्लीय वर्षा से आप क्या समझते हैं?
  130. प्रश्न- पर्यावरण संरक्षण में भारत की न्यायपालिका की सक्रियता या भूमिका का वर्णन कीजिए।
  131. प्रश्न- कार्बन ट्रेडिंग या कार्बन व्यापार से आप क्या समझते हैं?

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